वाराणसी : आज इलाके के लोग शैलेंद्र रघुवंशी से आधुनिक व नकदी खेती के गुर सीखते हैं, हुनर लेकर उसे अपने खेतों में आजमाते हैं। दरअसल चोलापुर ब्लाक के बबियांव गांव निवासी प्रगतिशील किसान शैलेंद्र कुमार रघुवंशी ने करीब 18 बीघे अमरूद की सघन बागवानी के जरिए एक नया इतिहास रचा है। प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आमदनी करने वाले इस किसान ने आठ प्रजातियों के अमरूद पौधे न केवल अपने बाग में लगा रखे हैं, बल्कि वैज्ञानिक तरीके से ग्रीन हाउस में ग्राफ्ट (हेज) विधि से नए पौधे भी तैयार किए हैं।
उत्तर प्रदेश ही नहीं, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ से लगायत उत्तरांचल तक उनके पौधों की आपूर्ति है। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने यहां से 8500 अमरूदों के पौध मंगाकर अपने बाग में लगवाया। पौधों की कीमत के अलावा एक लाख रुपये देकर इनका सम्मान भी किया। कभी पूरे देश में अमरूद के लिए विख्यात चिरईगांव क्षेत्र में अमरूद बेल्ट लगभग समाप्त होने के बाद चोलापुर में शैलेंद्र रघुवंशी का यह प्रयास यकीनन काबिले तारीफ है।
वाराणसी : आये दिन रासायनिक खाद व उर्वरक की कमी को लेकर झिकझिक से तंग अमरजीत पांडेय ने अंतत: जैविक खेती की ओर रुख किया। सारा ध्यान परंपरागत व आधुनिकता मिश्रित खेती के साथ ही जैविकता पर। जल्द ही सुखद परिणाम सामने आने लगे। शानदार खेती के लिए भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान से स्वर्ण पदक मिला तो उद्यान रत्न पुरस्कार से भी किए गए सम्मानित।
हरहुआ ब्लाक के सेहमलपुर (सातो महुआ) निवासी प्रगतिशील किसान अमरजीत पांडेय ने पूरी तरह जैविक खेती का फंडा अपना रखा है। ढाई हेक्टेयर यानी तकरीबन दस बीघे क्षेत्रफल में मजदूरी, खाद, बीज के मद में सवा लाख रुपये खर्च काटने के बाद डेढ़ से पौने दो लाख रुपये प्रतिवर्ष की आय होने का उनका दावा है।
अमरजीत के अनुसार जैविक विधि से एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में पत्ता गोभी, फूलगोभी, टमाटर, शिमला मिर्च, मिर्च, सूरन, ब्रोकली, रेड कैब्रेजर (लालपत्ता गोभी) की खेती की जाती है। इसी तरह एक एकड़ में गन्ने की खेती, सवा हेक्टेयर में धान व गेहूं तथा करीब दस बिस्वा में औषधीय पौधों में सतावर, एरोबेला (घृत कुमारी) की खेती से तकरीबन तीन लाख रुपये प्रतिवर्ष की आय होती है। इसमें 50 हजार रुपये मजदूरी, 50 हजार रुपये देशी खाद तथा 25 हजार रुपये बीज व कीटनाशक दवाओं पर खर्च किए जाते हैं। इस तरह हर वर्ष डेढ़ से पौने दो लाख रुपये की शुद्ध आय होती है। इससे खेती के काम में लगे दर्जन भर मजदूर परिवारों का भी भरण-पोषण होता है।
वाराणसी : आज इलाके के लोग शैलेंद्र रघुवंशी से आधुनिक व नकदी खेती के गुर सीखते हैं, हुनर लेकर उसे अपने खेतों में आजमाते हैं। दरअसल चोलापुर ब्लाक के बबियांव गांव निवासी प्रगतिशील किसान शैलेंद्र कुमार रघुवंशी ने करीब 18 बीघे अमरूद की सघन बागवानी के जरिए एक नया इतिहास रचा है। प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आमदनी करने वाले इस किसान ने आठ प्रजातियों के अमरूद पौधे न केवल अपने बाग में लगा रखे हैं, बल्कि वैज्ञानिक तरीके से ग्रीन हाउस में ग्राफ्ट (हेज) विधि से नए पौधे भी तैयार किए हैं।
उत्तर प्रदेश ही नहीं, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ से लगायत उत्तरांचल तक उनके पौधों की आपूर्ति है। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने यहां से 8500 अमरूदों के पौध मंगाकर अपने बाग में लगवाया। पौधों की कीमत के अलावा एक लाख रुपये देकर इनका सम्मान भी किया। कभी पूरे देश में अमरूद के लिए विख्यात चिरईगांव क्षेत्र में अमरूद बेल्ट लगभग समाप्त होने के बाद चोलापुर में शैलेंद्र रघुवंशी का यह प्रयास यकीनन काबिले तारीफ है।
बालीवुड को २५ हिट फिल्म देने वाले निर्देशक। अभिनेत्री रवीना टंडन के पिता रवि टंडन दादा साहब फालके पुरस्कार से सम्मानित हुए।
आगरा के राजामंडी के मूल निवासी राजेन्द्र यादव हंस पत्रिका के संपादक। एक दर्जन से अधिक पुस्तकों के लेखक।
इनके उपन्यास सारा आकाश पर फिल्म का निर्माण हुआ।
७० पुस्तकों के लेखक। साहित्य के क्षेत्र में सन् २०१० में पद्मश्री अवार्ड। उत्तर प्रदेश
हिंदी संस्थान के राष्ट्रीय पुरस्कार विज्ञान भूषण से सम्मानित। ४६ अन्य अवार्ड।
कई छात्र इनके साहित्य पर शोध कर रहे हैं।
आगरा विवि (वर्तमान में डा'.अंबेडकर विवि) के दो सत्रों में कुलपति। राधास्वामी मत के हुजूरी भवन सत्संग के गुरू।
इतिहास और धर्म पर अनेक पुस्तकों के लेखक।
मेरे भारत की माटी है चंदन और अबीर जैसे गीत के विख्यात रचनाकार।
उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा सन २००० में यश भारती सम्मान। फिल्म
गांधी की कांवर के लिए गांधीजी के संवाद के लेखक। सन् १९७१ में राजश्री
प्रोड्क्शन की फिल्म मेरे भैया और उसके बाद जमुना किनारे फिल्म के गीतों
के रचयिता।
सन् १९९८ में कम उम्र के चिकित्सक होने के बावजूद सबसे अधिक मरीज देखने पर पर गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज।
सन् १९९९ में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से सम्मानित।
सन् २००७ में लगातार ५२ घंटे ४८ मिनट तक गिटार बजाने पर लिम्का बुक वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज। सन् २००८ में ५३ घंटे ४ मिनट तक गिटार बजाकर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाया।
प्रसिद्ध चित्रकार एमएफ हुसैन की सौ पेंटिंग को सौ करोड़ में खरीदकर सुर्खियों में आए गुरुस्वधरूप श्रीवास्तीव उदमी हैं। हिंदी फिल्म कृष को फाइनेंस किया।
आगरा के बाह के रहने वाले विजय सिंह ने टोक्यो में एशियाई खेलों में गोल्ड मैडलिस्ट जीता।
पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट टीम की आलराउंडर। कई अंतर्राष्ट्री्य मैच खेले।
हिंदी के सर्वश्रेष्ठ गीतकारों में शुमार गोपालदास नीरज जी उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के अध्यक्ष हैं। उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। यूपी सरकार उन्हें यशभारती से नवाज चुकी है। नीरजजी ने डेढ़ सौ से ज्यादा फिल्मी गाने भी लिखे हैं। ये आज भी सबकी जुबान पर हैं।
जन्म : 17 फरवरी 1984
मूल निवासी : प्रगति विहार, मैरिस रोड, अलीगढ़
वर्तमान निवासी : सेक्टर-46, फरीदाबाद, हरियाणा
शिक्षा : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीए राजनैतिक विज्ञान
पद : एओसीएस, कमर्शियल विभाग, एयर इंडिया
पिता : डॉ. एसपी सिंह (दंत चिकित्सक)
मां : नीरा सिंह
पुरस्कार : अर्जुन पुरस्कार (2012)
उपलब्धि : दिल्ली कॉमलवेल्थ गेम्स 2010 में टीम गोल्ड, ग्वांगझू एशियन गेम्स 2011 में सिल्वर, यूएसए र्फो बिनिंग में आइएसएसएफ शूटिंग वल्र्ड कप 2011 में सिल्वर, दोहा एशियन चैंपियनशिप 2009 में ब्रोंज समेत 33 अंतर्राष्ट्रीय पदक। 65 राष्ट्रीय पदक। लंदन ओलंपिक 2012 में प्रतिभाग।
हिंदी और पंजाबी की २०० से अधिक फिल्मों में भूमिका। सन् १९९४ में सपा से राज्य सभा सदस्य। १९९९ और २००४ में आगरा और फिर वर्ष 2010 के लोकसभा उप चुनाव में मुलायम सिंह यादव की पुत्र वधु डिंपल यादव को हराकर सांसद चुने गए। वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्री य प्रवक्ता भी हैं।
मैनपुरी से सांसद रहे उदय प्रताप राष्ट्रीय स्तर के कवि हैं। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के मार्ग दर्शक कहे जाते हैं। हाल ही में उनको उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। कैबिनेट मंत्री का दर्जा होने के कारण उन्हें लाल बत्ती से नवाजा गया है।
जलेसर क्षेत्र से भाजपा सांसद रहे ओमपाल सिंह निडर राष्ट्री य स्तंर के कवि हैं। साथ ही फीरोजाबाद के डिग्री कालेज में प्रवक्ता के पद से रिटायर हुए हैं।
श्रीमती किरण बजाज, बजाज इलेक्ट्रि कल्सश के चेयरमैन शेखर बजाज की पत्नीह हैं। वे साल में करीब छह माह शिकोहाबाद में रहकर साहित्या और पर्यावरण क्षेत्र के लिए समर्पित रहती हैं। इसके लिए उन्हों ने शब्द म और पर्यावरण मित्र संस्था्एं भी संचालित कर रखी हैं। साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में जमुनालाल बजाज फाउंडेशन के बैनर तले सक्रिय रहती हैं।
शहर के प्रमुख निर्यातक एवं उदयोगपति। केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा कई पुरस्का रों से सम्माेनित किया जा चुका है।
शहर के प्रमख उदयोगपति एवं यूपी रत्न। पुरस्का र से सम्माीनित।
ये चित्रकार हैं। ये भी देश-दुनिया में अपने कार्यक्रम करते हैं। विश्वशस्तदरीय जनसुविधायें और प्लािनिंग पर उत्तार प्रदेश के बारे में बात कर सकते हैं।
ये श्रीजी बाबा सरस्वमती विदया मंदिर के प्रधानाचार्य हैं। इन्हें शिक्षक दिवस पर राष्ट्रंपति प्रणव मुखर्जी ने सम्माीनित किया है। ये शिक्षा जगत के गौरव माने जाते हैं।
ये पूर्व विधायक हैं। रासलीलाओं का देश-विदेश में मंचन करते हैं। इन्हें पदमश्री पुरस्काेर मिल चुका हैं।