यूपी में दिखा असली हिंदुस्तान, युवाओं पर है दारोमदार
Posted on: Wed, 18 Jan 2012 08:54 AM (IST)
कानपुर। फिल्म अभिनेता संजय दत्ता का कहना है कि उन्हें उत्तार प्रदेश में असली हिंदुस्तान दिखा है। 26 जनवरी को रिलीज हो रही फिल्म अग्निपथ के प्रमोशन के सिलसिले में नगर प्रवास के दौरान 'जागरण' से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश की दशा सुधारने का दारोमदार भी युवाओं पर ही है और चुनाव में उन्हें अपना महत्व दिखाना होगा।
बीते लोकसभा चुनाव में सूबे की राजनीति में सक्रिय रहे संजय दत्ता ने कहा कि वे कानपुर ही नहीं, पूरे यूपी से भलीभांति परिचित हैं। आखिर तीन महीने यहां मेहनत जो की है। उन तीन महीनों में बहुत कुछ सीखने और देखने को मिला है। हम लोग मुंबई में रहते हैं, तो वहां की जिंदगी को ही हिंदुस्तान समझते हैं। यूपी आने के बाद यहां असली हिंदुस्तान दिखाई देता है।
बिजली-पानी-शिक्षा की समस्या पर उन्होंने कहा कि उत्तार प्रदेश में बिजली, पानी व शिक्षा का संकट सबसे बड़ी समस्या है। चुनाव में वोट डालते समय इन समस्याओं का समाधान भी मूल में होना चाहिए। युवा ही उत्तार प्रदेश की तस्वीर बदल सकते हैं। उन्हें मिलकर आगे आना होगा और वोट डालना होगा।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वह वोट डालते समय भारत की तरक्की देखें। उसे ही वोट दें, जो देश की तरक्की के साथ उत्तार प्रदेश की समस्याओं के समाधान को आधार बनाकर काम करे।
वह विधानसभा चुनाव में प्रचार करेंगे कि नहीं, पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई पार्टी उन्हें बुलाए तो। फिर बोले, वैसे मैं कांग्रेस के साथ हूं। हम लोग पुराने कांग्रेसी हैं। मेरे पिता कांग्रेसी थे, मेरी बहन कांग्रेसी है। परिवार की परंपराओं के साथ देश की परंपराओं से भी कांग्रेस जुड़ी है।
संजय दत्ता ने कहा कि अपने पूरे फिल्मी करियर में उन्होंने जबर्दस्त बदलाव देखे हैं। 1970 के दशक में जब उन्होंने फिल्मोद्योग में कदम रखा था तब पूरा बॉलीवुड एक परिवार की तरह था। लोग एक दूसरे के दुख-सुख में खड़े रहते थे। अब स्थितियां बदली हैं और गुटबाजी ज्यादा हो गयी है। लोग खेमों में बंटे हुए हैं और एक दूसरे की परवाह नहीं करते। ऐसे में वे सबसे अलग रहकर काम करते हैं और हर किसी के साथ समय पर खड़े होते हैं।
पिता सुनील दत्ता के कानपुर से जुड़ाव की चर्चा पर वे बोले, पिता का लखनऊ-कानपुर से विशेष जुड़ाव रहा है। वे यहां नौकरी भी करते रहे थे। इसके अलावा यहां तमाम दोस्त हैं, जिनकी शादियों में आए और डांस किया है। स्वरूप नगर के एक परिवार में नियमित आना जाना रहा है और कानपुर की चाट भी खूब खाई है। यहां के लोगों में जबर्दस्त एनर्जी है और वे उसका उपयोग भी करते हैं।
'कांचा' को देखने उमड़ा लखनऊ
लखनऊ। 'कांचा .. कांचा..'। दर्शकों ने जैसे ही अभिनेता संजय दत्ता को देखा, वे दीवानों की तरह इसी नाम से उन्हें पुकारने लगे। दरअसल, यह जल्द रिलीज होने वाली फिल्म 'अग्निपथ' में उनके किरदार का नाम है। वह गोमतीनगर स्थित मॉल में 'फन सिनेमाज' के बुलावे पर फिल्म के प्रमोशन के लिए शहर में थे।
अभिनेता के प्रशंसक दोपहर बाद से ही यहां जुटना शुरू हो गए। अभिनेता के आते ही उपस्थित लोगों में खुशी एक लहर दौड़ पड़ी और स्टोर्स के अंदर सन्नाटा पसर गया। संजय दत्ता मंच पर आते ही बोले-'विजय दीनानाथ चौहान! तुझे मरना होगा..'। यह सुनना भर था कि पूरा माहौल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अभिनेता ने फिल्म के गानों की सीडी और टी-शर्ट भी उछाली, जिसे पाने के लिए दर्शक लालायित दिखे।
'चिकनी चमेली..' गीत लोगों की जुबान पर चढ़ चुका है और इस पर कट्रीना कैफ के लटके-झटकों की भी चर्चा है। जब लोगों ने संजय से पूछा कि इस गीत को वह अश्लील नहीं मानते तो अभिनेता बोले-अश्लील तो 'मुन्नी बदनाम..' और 'शीला की जवानी..' था। पारंपरिक 'महाराष्ट्रीयन मूव्स' वाले यह गीत को अश्लील कहना गलत है।
उन्होंने इस 'अग्निपथ' को पुरानी फिल्म से अधिक रियलिस्टिक बताया। वे बोले कि कांचा गीता पढ़ता और उसकी व्याख्या अपनी तरह करता है। वे कांचा के लुक को डैनी के लुक से अधिक रफ मानते हैं।