या देवी सर्व भूतेषु, शक्ति रूपेण संस्थितः

मैं हूं दुर्गा, मैं हू काली, सीता भी हूं मैं, मैं हूं लक्ष्मी

मां के सारे रूप मुझमें हैं समाए, मैं हूं आज की नारी

कमजोर नहीं हूं मैं, मैं हूं शक्ति का प्रतीक

मैं आज की नारी हूँ.....एक नारी।

क्योंकि मैं एक नारी हूँ....

मैं एक माँ, एक बहन , एक पत्नी, एक बेटी,
उद्यमी और एक बेहद कामयाब महिला हूँ।

बच्चों और घर के साथ मैं ऑफिस भी संभालती हूँ।
हर क्षेत्र में मेरा योगदान है। देश की रक्षा के लिए तत्पर

मैं सरहद पर खड़ी हूँ...मैं भारत का विकास हूँ।
घर को ही नहीं देश को संवारने में आज मेरा पूरा योगदान है।

मैं आज की नारी हूँ.....एक नारी।

  • मैं किसी समुदाय की प्रगति महिलाओं ने जो प्रगति हांसिल की है उससे मापता हूँ .
    - बी. आर. अम्बेडकर
  • स्त्री की उन्नति या अवनति पर ही राष्ट्र की उन्नति निर्भर है.
    - अरस्तू
  • सुयोग्य स्त्री परिवार की शोभा तथा गृह की लक्ष्मी है.
    - मनु
  • स्त्रियों की मान-हानि साक्षात् लक्ष्मी और सरस्वती की मान हानि है.
    - सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला