या देवी सर्व भूतेषु, शक्ति रूपेण संस्थितः
मैं हूं दुर्गा, मैं हू काली, सीता भी हूं मैं, मैं हूं लक्ष्मी
मां के सारे रूप मुझमें हैं समाए, मैं हूं आज की नारी
कमजोर नहीं हूं मैं, मैं हूं शक्ति का प्रतीक
मैं आज की नारी हूँ.....एक नारी।
क्योंकि मैं एक नारी हूँ....
मैं एक माँ, एक बहन , एक पत्नी, एक बेटी,
उद्यमी और एक बेहद कामयाब महिला हूँ।
बच्चों और घर के साथ मैं ऑफिस भी संभालती हूँ।
हर क्षेत्र में मेरा योगदान है। देश की रक्षा के लिए तत्पर
मैं सरहद पर खड़ी हूँ...मैं भारत का विकास हूँ।
घर को ही नहीं देश को संवारने में आज मेरा पूरा योगदान है।
मैं आज की नारी हूँ.....एक नारी।