बैंकर बनने की इच्छा थी इसके लिए मैनचेस्टर बिजनेस स्कूल से पढ़ाई भी की। मंदी के चलते इंग्लैंड में नौकरी नहीं मिली तो भारत आ गई। यहां यशराज फिल्मस में बतौर पीआर कंसलटेंट व मार्केटिंग में काम करना शुरू किया। लेडीज वर्सेस रिकी फिल्म में काम मिला और फिर इशकजादे मिली। इस तरह मैं गलती से अभिनेत्री बन गई।
यह कहना है इशकजादे फिल्म में अभिनेत्री की भूमिका निभा रही परिणिति चोपड़ा का। वह यहां अपनी पहली फिल्म इशकजादे' के प्रमोशन के सिलसिले में बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय आई थीं।
बिंदास स्वभाव की परिणिति अपनी पहली फिल्म को लेकर काफी आशावान हैं। बतौर अभिनेत्री अपनी पहली फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचीं परिणिति ने बताया कि बॉलीवुड में नंबर वन अभिनेत्री का कोई मतलब नहीं है। कोई भी हमेशा नंबर वन नहीं रहता।
वह कहतीं हैं कि फिल्म की तैयारी के सिलसिले में तीन दिन के लिए पहली बार जब लखनऊ आईं थीं, तभी इस शहर की मुरीद हो गई थी। घर-घर जाकर लोगों से मिली, लोगों ने खुले दिल से स्वागत किया। चपल स्वभाव की परिणिति ने बताया कि प्रियंका चोपड़ा ने जिस तरह बगैर किसी सपोर्ट के फिल्मों में मुकाम हासिल किया, वह काबिले तारीफ है। एक सवाल के जवाब में उन्होनें कहा कि मौका मिला तो प्रियंका के साथ काम जरूर करेंगी। लखनऊ का खाना खासतौर पर बहुत पसंद आया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इशकजादे लोगों को बहुत पसंद आएगी।
इशकजादे एक छोटे से शहर में गुंडागर्दी और लड़ाई के बीच पले दो लोगों की प्रेम कहानी है। वे पैदा तो नफरत करने के लिए हुए थे, लेकिन उनके भाग्य में एक-दूसरे के लिए प्रेम करना लिखा था। शक्ति और सिंहासन पाने के लिए वे दो जंगली जानवरों की तरह लड़ते हैं। एक पूरी तरह से अप्रत्याशित है तो दूसरा क्रूर। एक ऐसे लड़ाई के मैदान में वे आमने-सामने हैं जहां नफरत, बदला, छल और गोलियों की आवाज है।
परमा (अर्जुन कपूर) की उम्र बीस वर्ष है। उम्र ही ऐसी है कि उसमें कुछ नादानी बाकी है। गुस्सा हमेशा उसकी नाक पर रहता है। परमा के आदर्श उसके दादा हैं। परमा की एक ही ख्वाहिश है कि वह अपने आपको दादा के आगे साबित करें कि वह योग्य है। अपने परिवार का नाम और ताकत का प्रदर्शन करना परमा को पसंद है। परमा के दादा अगला चुनाव लडऩे वाले हैं। अपने दादा को चुनाव जिताना परमा का एकमात्र उद्देश्य है। इसके लिए वह कुछ भी कर सकता है।
जोया (परिनीति चोपड़ा) की उम्र भी बीस के आसपास है। वह एक राजनीतिक परिवार से है। एमएलए बनना उसका सपना है। परिवार में इकलौती लड़की होने के कारण उसे खूब लाड़-प्यार मिला है, लेकिन वह बिगड़ैल नहीं है। वह साहसी है, लेकिन साहस और बेवकूफी के अंतर से अच्छी तरह परिचित है। वह व्यावहारिक है, लेकिन कभी-कभी अपने दिल की बात भी सुन लेती है।
नफरत से जलते शहर में शक्ति और वर्चस्व की इस लड़ाई में दोनों के बीच प्रेम पनपता है।
स्टार कास्ट :: अर्जुन कपूर, परिणीती चोपरा
म्यूजिक :: अमित त्रिवेदी
ल्य्रिक्स :: कौसर मुनीर
प्रोडूसर :: आदित्य चोपरा
डारेक्टर :: हबीब फैसल
रिलीज़ डेट :: मई 11, 2012.
Ishaqzaade felony and fight in a small town love story between two people up. They were born to hate, but in their fate - was destined to love each other.
To get power and the throne they fight like two wild animals. A completely unexpected way, the other cruel. In a field of battle face to face, where hatred, revenge, deceit and the gunshots. Parma (Arjun Kapoor) is twenty years old. Age is such that there is something about her innocence. Anger is always on his nose. Parma is the norm, her grandfather. Parma is the same desire to prove himself that he is the grandfather. Demonstrate the strength of your family name and would like to Parma. Parma's grandfather is going to fight the next election. Parma is the sole purpose of the election Jitana his grandfather. He could do anything for it.
Zoya (Pariniti Chopra) is around the age of twenty. He is a political family. His dream is to become MLA. Being the only girl in the family very well taken care of him - love, but she is not spoiled. He is brave, but is well aware of the difference between courage and stupidity. He is practical, but occasionally also listen to your heart does.
Hate the burning city in the battle for supremacy between power and love grows.
Star Cast :: Arjun Kapoor, Parineeti Chopra
Music By :: Amit Trivedi
Lyrics By :: Kausar Munir
Producer :: Aditya Chopra
Director :: Habib Faisal
Release Date :: May 11, 2012.