जन्माष्टमी पर कविता

राधे कृष्णा

राधा की चाहत है कृष्णा
उसके दिल की विरासत है कृष्णा
चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्णा
दुनिया तो फिर भी यही कहती है
“राधे कृष्णा, राधे कृष्णा”
!! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं !!

कान्हा की लीला

देखो फिर जन्माष्टमी आई है
माखन की हांडी ने फिर मिठास बढ़ाई है
कान्हा की लीला है सबसे प्यारी
वो दे तुमको दुनिया की खुशियां सारी
!! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं !!

कृष्ण कन्हैया

गोकुल में जो करे निवास
गोपी संग जो रचाए रास
देवकी-यशोदा हैं जिनकी मैया
ऐसे ही हमारे कृष्ण कन्हैया
जय श्री कृष्णा, शुभ जन्माष्टमी

जन्माष्टमी का त्यौहार

चन्दन की खुशबू और रेशम का हार
सावन की सुगंध और बारिश की फुहार
राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार
!! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं !!

जय जय कृष्ण कन्हैया

जय जय कृष्ण कन्हैया
देवकी यशोदा हैं इसकी मैया
गोकुल में जो करे निवास
गोपियों संग रचाए रास
गैया खूब चराए रे
बंसी मधुर बजाए रे
सबके मन को भाए रे
जय हो मुरली धर गोपाल
जय जय कृष्ण कन्हैया लाल

बाल गोपाल

बाल रूप है सबको भाता
माखन चोर है कहलाता
आला आला गोविंदा आला
ग्वाल बाल शोर मचाए रे
मटकी तोड़ धूम मचाए रे
यशोदा का दुलारा आए रे
जय गोविंदा जय गोपाल
जय जय कृष्ण कन्हैया लाल

जय कन्हैया लाल की

यमुना तट पर खेले होली
गोपियों संग करे ठिठोली
राधा का है मनमोहन
रास लीला रचाए रे
अर्जुन का बना सारथी
उपदेश गीता का सुनाए रे
जय जय कृष्ण भगवान की
जय जय कन्हैया लाल की

जन्माष्टमी की धूम